वैदेही ने जो किया
वह तुम ना करना
कोई भी अगर लाछन
तुम्हारे चरित्र पर लगाए
तो अब अग्नि परीक्षा
तुम ना देना
पति घर निकला भी दे
तब भी घर
तुम ना छोड़ना
ताकि फिर कोई लव कुश
घर से बाहर ना पैदा हो
और फिर कोई वैदेही
धरती मे ना समाये
और हाँ फिर किसी राम
को यज्ञ किसी सीता की
मूर्ति के साथ ना करना पडे
रामायण एक और रची जाये
या ना रची जाए
राजा अपना धरम निभाए
या ना निभाए
तुम अपना धर्म निभाना
आने वाली सीताओं के लिये
मार्ग प्रशस्त करती जाना
वह तुम ना करना
कोई भी अगर लाछन
तुम्हारे चरित्र पर लगाए
तो अब अग्नि परीक्षा
तुम ना देना
पति घर निकला भी दे
तब भी घर
तुम ना छोड़ना
ताकि फिर कोई लव कुश
घर से बाहर ना पैदा हो
और फिर कोई वैदेही
धरती मे ना समाये
और हाँ फिर किसी राम
को यज्ञ किसी सीता की
मूर्ति के साथ ना करना पडे
रामायण एक और रची जाये
या ना रची जाए
राजा अपना धरम निभाए
या ना निभाए
तुम अपना धर्म निभाना
आने वाली सीताओं के लिये
मार्ग प्रशस्त करती जाना
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3 comments:
पति घर निकला भी दे
तब भी घर
तुम ना छोड़ना
ताकि फिर कोई लव कुश
घर से बाहर ना पैदा हो
और फिर कोई वैदेही
धरती मे ना समाये
और हाँ फिर किसी राम
को यज्ञ किसी सीता की
मूर्ति के साथ ना करना पडे
रामायण एक और रची जाये
je aaj b jaari hai. or pata nahi kab tak jaari rahega.....
kab tak seeta ki pariksha deni hogi....koi nahi jaanta...
at sunder parstuti
Manvinder
ramayan ki bhi kaisi rachna......zarurat nahin,bahut sahi kaha
very true...one has to fight for her rights...
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