सिद्धांत, आदर्श, भक्तियुक्त पाखंडी उपदेश
नरभक्षी शेर,-गली के लिजलिजे कुत्ते,
मुश्किल है
मन के मनको में सिर्फ़ प्यार भरना!
हर पग पर घृणा,आंखों के अंगारे
आख़िर कितने आंसू बहायेंगे?
ममता की प्रतिमूर्ति स्त्री-एक माँ
जब अपने बच्चे को आँचल की लोरी नहीं सुना पाती
तो फिर ममता की देवी नहीं रह जाती
कोई फर्क नहीं पड़ता तुम्हारी गालियों से
लोरी छिनकर तुमने ही उसे काली का रूप दिया है
और इस रूप में वह संहार ही करेगी!
सिर्फ़ संहार!
फिर रचना का सिद्धांत क्या?
आदर्श क्या?
भक्तियुक्त उपदेश क्या?
मुश्किल है मन के मनको में सिर्फ़ प्यार भरना!............
10 comments:
कोई फर्क नहीं पड़ता तुम्हारी गालियों से
लोरी छिनकर तुमने ही उसे काली का रूप दिया है
और इस रूप में वह संहार ही करेगी!
Bahut khoob Kaha, Rashmi Didi.
Deepak Gogia
मुश्किल है मन के मनको में सिर्फ़ प्यार भरना!............सुंदर रचना
कोई फर्क नहीं पड़ता तुम्हारी गालियों से
लोरी छिनकर तुमने ही उसे काली का रूप दिया है
और इस रूप में वह संहार ही करेगी!
सिर्फ़ संहार!
फिर रचना का सिद्धांत क्या?
आदर्श क्या?
भक्तियुक्त उपदेश क्या?
bahut achha hai aur gahara hai
Anil
excellent rashmi what a way to express the reality . and thisis the reality . people dont like realities they feel that by closing the eyes we can always be on the safer side but its important to express with such intensity . we are happy that you are part of this group
भक्तियुक्त उपदेश क्या?
मुश्किल है मन के मनको में सिर्फ़ प्यार भरना!............
sahi,satik vaar,aur ek achhi abhivyakti,ek sundar si rachana ke lie bahut badhai.
bahut hi sahi likha hai
ati uttam tarike se bhawnaao ko ukera hai aapne
रश्मि जी
और इस रूप में वह संहार ही करेगी!
सिर्फ़ संहार!
फिर रचना का सिद्धांत क्या?
आदर्श क्या?
भक्तियुक्त उपदेश क्या?
मुश्किल है मन के मनको में सिर्फ़ प्यार भरना!............
बिल्कुल सही लिखा है आपने। बात सच्ची और दिल को छूने वाली है। बधाई स्वीकारें।
कोई फर्क नहीं पड़ता तुम्हारी गालियों से
लोरी छिनकर तुमने ही उसे काली का रूप दिया है
bahut sunder. kya baat kag di hai aapne
Manvinder
sahi kaha, waqui "मुश्किल है मन के मनको में सिर्फ़ प्यार भरना" lakin nafrat bharne se samashyaye aur jatil hi hoti jati hai.
bahut shandar rachanaa hai ........
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