मैने देखा एक पिता
एक नन्ही बालिका की
मधुर मुस्कान पर
सुध-बुध भूला पिता…….
आँखों से छलकती
स्नेह की गागर
लबालब वात्सल्य छलकाती थी
और बालिका एक किलकारी
अतुल्य दौलत दे जाती थी
क्रूर,कठोर,निर्दय जैसे विशेषण
दयालु,कोमल और बलिदानी
में ढ़ल गए
बेटी को देख……
सारे हाव- भाव बदल गए
क्या यह वही पुरूष है
जिसे नारी शोषक
एक नन्ही बालिका की
मधुर मुस्कान पर
सुध-बुध भूला पिता…….
आँखों से छलकती
स्नेह की गागर
लबालब वात्सल्य छलकाती थी
और बालिका एक किलकारी
अतुल्य दौलत दे जाती थी
क्रूर,कठोर,निर्दय जैसे विशेषण
दयालु,कोमल और बलिदानी
में ढ़ल गए
बेटी को देख……
सारे हाव- भाव बदल गए
क्या यह वही पुरूष है
जिसे नारी शोषक
और अत्याचारी
समझती है ?
ना ना ना .......
ये तो एक पिता है
जो बेटी को पाकर
निहाल हो गया है
ममता की यह बरसात
जब और आवेग पाती है
पत्नी से भी अधिक प्रेम
बेटी पा जाती है
प्रेम की दौलत बस
बेटी पर बरस जाती है
और प्रेम की अधिकारिणी
प्रेम से वंचित रह जाती है
प्रेमान्ध पिता
घरोंदे बनाता है
अपने सारे सपने
बेटी में ही पाता है
पर बेटी के ब्याह पर
बिल्कुल अकेला रह जाता है
पिता और पुत्री का
एक अनोखा ही नाता है
समझती है ?
ना ना ना .......
ये तो एक पिता है
जो बेटी को पाकर
निहाल हो गया है
ममता की यह बरसात
जब और आवेग पाती है
पत्नी से भी अधिक प्रेम
बेटी पा जाती है
प्रेम की दौलत बस
बेटी पर बरस जाती है
और प्रेम की अधिकारिणी
प्रेम से वंचित रह जाती है
प्रेमान्ध पिता
घरोंदे बनाता है
अपने सारे सपने
बेटी में ही पाता है
पर बेटी के ब्याह पर
बिल्कुल अकेला रह जाता है
पिता और पुत्री का
एक अनोखा ही नाता है
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6 comments:
good one...
sundar ahasas v sundar rachana ke liye badhai.
सुंदर है पिता पुत्री की मधुर रिश्तों की कविता पर इस के साथ जुड़े प्रश्न भी सोचने लायक लगे
bahut hi khubsurat ehsaas badhai
gr8 shobha ji..........
kuch alag hatkar aapne likha,bahut achha
Thanks giving at least 1 positive article about mens on this site.
thanks again.
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