गुलमोहर
लाल, बैंगनी ,पीला -
हर रंग में खिलता है गुलमोहर
धूप में छाँव की तरह ,
घने पत्तों के साये में -
शीतल बयार की तरह
पीले खिले फूल -
तुम्हारी मुस्कान की तरह
नीले आसमान के नीचे
खिले बैगनी फूल -
किसी याद की तरह
ऊँची शाखों से लटकते
लाल गुलमोहर -
मन की आग की तरह
लाल, बैंगनी ,पीला -
हर रंग में खिलता है गुलमोहर
धूप में छाँव की तरह ,
घने पत्तों के साये में -
शीतल बयार की तरह
पीले खिले फूल -
तुम्हारी मुस्कान की तरह
नीले आसमान के नीचे
खिले बैगनी फूल -
किसी याद की तरह
ऊँची शाखों से लटकते
लाल गुलमोहर -
मन की आग की तरह
By Neelima गर्ग
© 2008-09 सर्वाधिकार सुरक्षित!
5 comments:
aap ka naari blog samuday mae swaagat haen . kavita mae aag aur sheetaltaa dono haen waah
स्वागत है आपका नीलिमा बहुत सुंदर कविता लिखी है आपने
sundar kavita
bahut hi khubsurat
Thanks for the encouragement...
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