मैं बन जाऊँ एक सुगन्ध
जो सबको महका दे
सारी दुर्गन्ध उड़ा दे
या
बन जाऊँ एक गीत
जिसे सब गुनगुनाएँ
हर दिल को भा जाए
अथवा…
बन जाऊँ नीर
सबकी प्यास बुझाऊँ
सबको जीवन दे आऊँ
या फिर..
बन जाऊँ एक आशा
दूर कर दूँ निराशा
हर दिल की उम्मीद
अथवा…
बन जाऊँ एक बयार
जो सबको ताज़गी दे
जीवन की उमंग दे
नव जीवन संबल बने
तनाव ग्रस्त ..
प्राणी की पीड़ा पर
मैं स्नेह लेप बन जाऊँ
जग भर की सारी
चिन्ताएँ मिटा दूँ
जी चाहता है आज
निस्सीम हो जाऊँ
एक छाया बन
नील गगन में छा जाऊँ
सारी सृष्टि पर अपनीममता लुटाऊँ
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