बेटी का जीवन भी देखो कैसा अद्भुत होता है ,
देख के इसको पाल के इसको जीवनदाता रोता है.
पैदा होती है जब बेटी ख़ुशी ना मन में आती है,
बाप के मुख पर छाई निराशा माँ भी मायूस हो जाती है,
विदा किये जाने तक उसके कल्पित बोझ को ढोता है,
देख के इसको पाल के इसको जीवनदाता रोता है.
वंश के नाम पर बेटों को बेटी से बढ़कर माने,
बेटी के महत्व को ये तो बस इतना जाने,
जीवन में दान तो बस एक बेटी द्वारा होता है,
देख के इसको पाल के इसको जीवनदाता रोता है.
सामाजिक कुरीतियाँ और नारी , उसके सम्बन्ध , उसकी मजबूरियां उसका शोषण , इससब विषयों पर कविता
Wednesday, December 1, 2010
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3 comments:
sach kaha aapne .beti ka janm hote hi mata pita ka chehra murjha jata hai .yatharth ko sparsh karti kavita .
How true... !
बेटी के महत्व को ये तो बस इतना जाने,
जीवन में दान तो बस एक बेटी द्वारा होता है,
achi prastuti
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