आँगन की चाहत लडकियां
खयालो की हसरत लडकियां
शिक्षा की जोडो चुनर
शिखर की शोहोरत लडकियां
ख्वाबों को फलक दिखाती
आज की हकीक़त लडकियां
देहलीज़ पे उतरी चाँद सी
नही है तोहमत लडकियां
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सामाजिक कुरीतियाँ और नारी , उसके सम्बन्ध , उसकी मजबूरियां उसका शोषण , इससब विषयों पर कविता
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5 comments:
very nice poem mehak i wish more people understand this fact
अत्यन्त सुंदर ग़ज़ल , सचमुच लड़कियां हमारे सम्मान के सूचक हैं .../
bahut sunder gazal hai bdhai
keep it up mahek.
अच्छा लग रहा है इस कविता को पढ़कर.
आसान-सी कविता पर गहरी बात. धन्यवाद.
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