कभी कभी मन कहता हैं
की आओ सब मिल कर
एक साथ
विसर्जित कर दे
हर धर्म ग्रन्थ को
हर मूर्ति को
हर गीता , बाइबल
कुरान और गुरुग्रथ साहिब को
एक ऐसे विशाल सागर मे
जहाँ से फिर कोई
मानवता इनको बाहर
ना ला सके
किस धर्म मे लिखा हैं
की धमाके करो
मरो और मारो
और अगर लिखा हैं
तो चलो करो विसर्जित
अपने उस धर्म को
अपनी आस्था को अपने
मन मे रखो और
जीओ और जीने दो
मानवता अब शर्मसार हो रही हैं
तुम्हारी धर्म की परिभाषा से
© 2008-09 सर्वाधिकार सुरक्षित!
8 comments:
आपके मन की व्यथा आज हर मन की व्यथा है. पर कोई धर्म ग़लत नहीं होता. किसी धर्म मे यह नहीं किखा हैं कि धमाके करो और मारो. जो ऐसा करते हैं वह शैतान के बन्दे हैं, अल्ल्लाह के नाम पर यह खून-खराबा करके अल्लाह और धर्म को बदनाम करते हैं. इन्हें बेनकाब किया जाना चाहिए.
'मज़हब कोई लौटा ले,और उसकी जगह दे दे,
तहज़ीब सलीके की, इँसान करीने के।'
humanity is the only religion and we should believe in that...
सही लिखा है आपने रचना ..जो सब हुआ वह दुखद था और न जाने कब तक यूँ ही चलेगा ..
धर्म की परिभाषा पढ़कर महसूस हुआ कि इंसानियत भी सर्द होती जा रही है...कब तक ऐसा चलेगा...सवाल उलझा हुआ है..
तो चलो करो विसर्जित
अपने उस धर्म को
अपनी आस्था को अपने
मन मे रखो और
जीओ और जीने दो
मानवता अब शर्मसार हो रही हैं
तुम्हारी धर्म की परिभाषा से
baat bilkul sahi ha, aaj dharm se sabka nukasan hi ho raha hai kyoki use mad hi diya gaya hai galat jagah me
सही है।
मज़हब क्या है सिखाता ये सबको पता है पर मज़हब के थेकेदार जो सिखाते है उसका नतीजा है ये बोम्ब ब्लास्ट. आज कोई किताब लिखता है या कोई विचार व्यक्त कर्ता है तो उस पर प्रतिबन्ध लग जाता है, देश निकाला हो जाता है लेकिन बोम्ब ब्लस्ट पर क्या होता है सब जानते है क़तरा-क़तरा
Post a Comment