सामाजिक कुरीतियाँ और नारी , उसके सम्बन्ध , उसकी मजबूरियां उसका शोषण , इससब विषयों पर कविता

Wednesday, March 9, 2011

jay ho ![part-3]

ब्लॉग जगत में महिला चिट्ठाकारों की संख्या दिनोदिन बढ़ रही है .आशा है कि सभी महिला चिट्ठाकार अपने सार्थक लेखन से चिट्ठाजगत को ऐसे ही समृद्ध करती रहेंगी -

''आओ करें वंदना उस देवी की
जिसकी नूतन दीपशिखा ने जग-चमकाया .

आज देख 'asha ' का 'savita'
'ada' -'sada' हैं अति 'mudita ',
उधर 'purnima' बिखराती 'jyotsna'
'deepti'पूर्ण हो रही है 'meena',
'kshama' -'anupma' करती हैं चिट्ठों की 'archna'
'meenakshi'-'' के चिट्ठें 'divya'-'nirmala',
'शिखा'-'शालिनी' की है कामना दूर सभी भय हो ,
बढें सफलता -पथ  पर  हम 
   '''नारी की जय हो !'' 
[कविता में वर्णित महिला चिट्ठाकारों के ब्लॉग पर जाकर उन्हें उत्साह वर्धन करें .हम प्रोफाइल पर जाकर चिट्ठाकार द्वारा बनाये   गए ब्लॉग में से किसी भी एक ब्लॉग का लिंक यहाँ दे रहें हैं .यदि कोई त्रुटि रह जाये तो हम क्षमाप्रार्थी   है .इसे अन्यथा न लें .हमारा उदेश्य महिला चिट्ठाकारों के नाम से चिट्ठाजगत को परिचित कराना मात्र है .जो भी त्रुटि हो टिप्पणी के माध्यम से बताएं .]
 लेखिका-shikha kaushik
सहायिका- shalini kaushik .

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