फागुन आया उड़ रहाअबीर और गुलाल
होली में सब मस्त हुएकिसका पूछे हाल
बसंती रंगो मे डूबे
khila हास परिहासफागुन में मदमस्त हुए सबछाया उल्लास
सरसों फूली टेसू महकाखिला हारसिंगार
पीली चुनर ओढ़करप्रकृति ने किया श्रृंगार .
सामाजिक कुरीतियाँ और नारी , उसके सम्बन्ध , उसकी मजबूरियां उसका शोषण , इससब विषयों पर कविता
Friday, March 13, 2009
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6 comments:
फागुनी रचना के साथ होली की शुभकामनाऐं-आपको भी!!
आपकी ये रचना कल 6-3-2012नई-पुरानी हलचल पर पोस्ट की जा रही है .... ! आपके सुझाव का इन्तजार रहेगा .... !!
रंगों से भरी रचना के लिए बधाई | आशा
फागुनी रचना के लिए बधाई...
होली मुबारक हो....
होली की शुभकामनायें ...
सुन्दर रचना....
होली की शुभकामनाऐं
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