सामाजिक कुरीतियाँ और नारी , उसके सम्बन्ध , उसकी मजबूरियां उसका शोषण , इससब विषयों पर कविता

Thursday, January 8, 2009

नववर्ष की शुभकामनाएँ

नववर्ष की अनंत शुभकामनाएँ
नए वर्ष की नई दिशा हो
नई कामना, नई आस हो
नई भावना, नई सोच हो
नई सुबह की नई प्यास हो
नई धूप हो, नई चाँदनी
नई सदी का नव विकास हो
नया प्रेम औ' नया राग हो
हर सुख अपने आसपास हो
नई रौशनी, नई डगर हो
नया खून औ' नई श्वास हो
नया रूप औ' नव जुनून हो
मन में बसती नव मिठास हो
नए सपन हों, नई शाम हो
रंग-बिरंगा कैनवास हो
नए फूल औ' नई उमंगें
अंतर्मन में नव सुवास हो !

डॉ. मीना अग्रवाल

1 comment:

हें प्रभु यह तेरापंथ said...

नए वर्ष की नई दिशा हो
नई कामना, नई आस हो
आपको भी "नववर्ष की शुभकामनाएँ" आपकी कविता बहुत ही उम्मुन्दा थी।
...................
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HEY PRABHU YEH TERA PATH
नारी तेरे रुप अनेक
http://ombhiksu-ctup.blogspot.com/