उम्र कोई हो,
एक लड़की-
१६ वर्ष की,
मन के अन्दर सिमटी रहती है...
पुरवा का हाथ पकड़
दौड़ती है खुले बालों मे
नंगे पाँव....
रिमझिम बारिश मे !
अबाध गति से हँसती है
कजरारी आंखो से,
इधर उधर देखती है...
क्या खोया? - इससे परे
शकुंतला बन
फूलों से श्रृंगार करती है
बेटी" सज़ा-ए-आफ़ता पत्नी" बनती होगी
पर यह,
सिर्फ़ सुरीला तान होती है!
यातना-गृह मे डालो
या अपनी मर्ज़ी का मुकदमा चलाओ ,
वक्त निकाल ,
यह कवि की प्रेरणा बन जाती है ,
दुर्गा रूप से निकल कर
" छुई-मुई " बन जाती है-
एक लड़की-
१६ वर्ष की,
मन के अन्दर सिमटी रहती है...
पुरवा का हाथ पकड़
दौड़ती है खुले बालों मे
नंगे पाँव....
रिमझिम बारिश मे !
अबाध गति से हँसती है
कजरारी आंखो से,
इधर उधर देखती है...
क्या खोया? - इससे परे
शकुंतला बन
फूलों से श्रृंगार करती है
बेटी" सज़ा-ए-आफ़ता पत्नी" बनती होगी
पर यह,
सिर्फ़ सुरीला तान होती है!
यातना-गृह मे डालो
या अपनी मर्ज़ी का मुकदमा चलाओ ,
वक्त निकाल ,
यह कवि की प्रेरणा बन जाती है ,
दुर्गा रूप से निकल कर
" छुई-मुई " बन जाती है-
यह लड़की!
मौत तक को चकमा दे जाती है....
मौत तक को चकमा दे जाती है....
तभी तो
"रहस्यमयी " कही जाती है...!
13 comments:
नारी फिर भी हर हाल में अपने को बचाए रखती है.......अपने लिए नहीं अपनों के लिए.....अपने से ज्यादा उसे अपनों की फ़िक्र रहती है..
अति सुंदर प्रस्तुति,,
धरती सी सहनशीलता है...
आकाश सी विशालता है....
समुद्र सी गहराई है..
नारी ह्रदय का कोई मेल नहीं.....
ईश्वर की भी आराध्य है.....नारी.
bahut khub likha hai di
नारी के रहस्यमयी रूप को अच्छी तरह निरुपित किया है...बधाई.!!
नारी के रूप अनेक ...बहुत प्रभावी रचना ...
नारी के अनेक रंगों को उकेरा है आपने,उसके विविध आयामों से।आभार।
han..........nari ka ek roop ye bhi hai......bahut sundar dhang se ukera hai.
kyaa baat hai....is rachna ne mujhe chuppa kar diya....ab kahun to kya kahun...!!
सधे हुए शब्दों में नारी के रहस्यमयी स्वरुप का चित्रण, बहुत सुन्दर
naari ki rahasymayta ka sajeev chitran...badhai
क्या बात है सजीव चित्रण किया है नारी के रूपों का रश्मि दी!
Naari ke alag alag roop .. sahi chitran kiya aapne .. sunder shabdon mein piroya... Surinder Ratti
Nari ke saare swaroop, ek se badh kar ek........khubsurat rachna......as usual "di"......superb
कभी खामोशी भी बहुत कुछ कह जाती है ,
bahut khub likha hai aapne
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