सामाजिक कुरीतियाँ और नारी , उसके सम्बन्ध , उसकी मजबूरियां उसका शोषण , इससब विषयों पर कविता

Wednesday, June 24, 2009

ड्रेस कोड ----- अब हुआ न्याय

सलवार सूट पहने एक लड़की
दिल्ली की बस मे जा रही थी
लोगो ने छेडा ,
गालो पर चाकू से निशाँ बना दिये

हादसा था

साड़ी पहने एक महिला
इन्दोर मे सड़क पर
पति के साथ जा रही थी
कार मे चार लोगो ने
जबरन उठा लिया
हादसा था

कानपुर कॉलेज मे लडकियां
जींस पहन कर आयी
शोहदों ने सीटी बजाई
लड़की की गलती
प्राचार्या ने बतायी
क्युकी वो जींस पहन कर आयी


वाह क्या न्याय हैं


ड्रेस कोड लागू करवाओ
प्राचार्या ने गुहार लगाई

पर इस बार जिला प्रशासन
चेत गया
और ड्रेस कोड की जगह
हेल्प लाइन खुलवा दी
जहाँ लड़की
चाहे जींस मे हो या साड़ी मे
फोन पर बिना अपना नाम बताये
सीटी बजाने वालो के ख़िलाफ़
अपनी शिकायत दर्ज करवाये

अब हुआ न्याय
चीज़ नहीं लड़की की
गलती तुम्हारी और सजा भुगते वो









© 2008-09 सर्वाधिकार सुरक्षित!

6 comments:

रंजन said...

सही कहा..

शोभना चौरे said...

der hai andher nhi?awaj uthegi to der bhi nhi hogi.

कंचनलता चतुर्वेदी said...

आप की बात एकदम सही है....

Akanksha Yadav said...

Bahut sahi likh apne.

dr amit jain said...

अंदाज नया है पर बात पुरानी है ,
आप ने भी ये जाना है ,
मैंने भी ये ही जाना है ,
जिन्दगी बीत जाये इस से पहले,
हमे सब में मानवता को जगाना है

dr amit jain said...

अंदाज नया है पर बात पुरानी है ,
आप ने भी ये जाना है ,
मैंने भी ये ही जाना है ,
जिन्दगी बीत जाये इस से पहले,
हमे सब में मानवता को जगाना है