परमार्थ में जीवन को ही मिटा दे,
दीप सा दधीचि दूसरा हुआ कहाँ?
वह तो जल पूरा गया फिर भी,
हर मन में उजाला हुआ कहाँ?
एक दीप प्रेम का जलाएं,
जो हर मन का कलुष मिटाए,
सूनी आँखों में फिर से ,
एक जीवन ज्योति जलाये,
आओ ऐसी एक नयी दीपावली मनाएं.
हमारे "हिन्दी ब्लॉग समूह" को सपरिवार दीपावली शत-शत मंगलमय हो!
दीप सा दधीचि दूसरा हुआ कहाँ?
वह तो जल पूरा गया फिर भी,
हर मन में उजाला हुआ कहाँ?
एक दीप प्रेम का जलाएं,
जो हर मन का कलुष मिटाए,
सूनी आँखों में फिर से ,
एक जीवन ज्योति जलाये,
आओ ऐसी एक नयी दीपावली मनाएं.
हमारे "हिन्दी ब्लॉग समूह" को सपरिवार दीपावली शत-शत मंगलमय हो!
6 comments:
मिटे अंधेरा जीवन का और मिटे चराग तले।
घर घर जगमग दीप जले।।
दीपावली की शुभकामनाएँ।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
rekha aap ko diwali shubh ho
दीपावली पर हार्दिक शुभकामनाएँ!
दीवाली आप के और आप के परिवार के लिए सर्वांग समृद्धि लाए!
दीपावली पर आप के और आप के परिवार के लिए
हार्दिक शुभकामनाएँ!
समीर लाल
http://udantashtari.blogspot.com/
कौन है यहाँ जो दर्द दूसरों का, जान ले ?
पत्थरों के मध्य छिपे नर्म दिल की थाह ले
आँख के आंसू नही बहते अकेले तक में अब
जानता हूँ दर्द यह, बस साथ मेरे जाएगा !
I am also shrivastava.bahut sundar rachana. badhaee
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