इस पुरुष प्रधान समाज में
सदा सर्वोपरि रही
बेटों की चाह
उपेक्षा, ज़िल्लत, अपमान से
भरी रही
बेटियों की राह
सदियों से संघर्षरत रहीं
हम बेटियाँ
कई अधिकार सहर्ष तुम दे गए
कई कानून ने दिलवाए
बहुत हद तक मिल गया हमें
हमारी बराबरी का अधिकार
जन्म लेने का अधिकार
पढने का,
आगे बढ़ने का अधिकार
जीवन साथी चुनने का अधिकार
यहाँ तक कि
कानून ने दे दिया हमें
तुम्हारी संपत्ति में अधिकार
लेकिन .....
हमारे फर्जों का क्या?
आज भी बेटियाँ बस एक दायित्व हैं
आज भी हैं केवल पराया धन
हर फ़र्ज़ केवल ससुराल की खातिर
माँ-बाप के प्रति कुछ नहीं?
बुढ़ापे का सहारा केवल बेटे,
बेटियाँ क्यूँ नहीं?
क्यूँ बेटी के घर का
पानी भी स्वीकार नहीं?
क्यों बुढ़ापे का सहारा बनने का
बेटियों को अधिकार नहीं?
सामाजिक अधिकार मिल गए बहुत
आज अपनेपन का आशीर्वाद दो
कहती है जो बेटियों को परायी
उस परंपरा को बिसार दो
हो सके तो मुझको, मेरे
फ़र्ज़ का अधिकार दो
मुझको मेरे फ़र्ज़ का अधिकार दो
........................................आलोकिता
सदा सर्वोपरि रही
बेटों की चाह
उपेक्षा, ज़िल्लत, अपमान से
भरी रही
बेटियों की राह
सदियों से संघर्षरत रहीं
हम बेटियाँ
कई अधिकार सहर्ष तुम दे गए
कई कानून ने दिलवाए
बहुत हद तक मिल गया हमें
हमारी बराबरी का अधिकार
जन्म लेने का अधिकार
पढने का,
आगे बढ़ने का अधिकार
जीवन साथी चुनने का अधिकार
यहाँ तक कि
कानून ने दे दिया हमें
तुम्हारी संपत्ति में अधिकार
लेकिन .....
हमारे फर्जों का क्या?
आज भी बेटियाँ बस एक दायित्व हैं
आज भी हैं केवल पराया धन
हर फ़र्ज़ केवल ससुराल की खातिर
माँ-बाप के प्रति कुछ नहीं?
बुढ़ापे का सहारा केवल बेटे,
बेटियाँ क्यूँ नहीं?
क्यूँ बेटी के घर का
पानी भी स्वीकार नहीं?
क्यों बुढ़ापे का सहारा बनने का
बेटियों को अधिकार नहीं?
सामाजिक अधिकार मिल गए बहुत
आज अपनेपन का आशीर्वाद दो
कहती है जो बेटियों को परायी
उस परंपरा को बिसार दो
हो सके तो मुझको, मेरे
फ़र्ज़ का अधिकार दो
मुझको मेरे फ़र्ज़ का अधिकार दो
........................................आलोकिता
8 comments:
lajvab
आपको पोस्ट पर पहली बार आय़ा हूं। इस पोस्ट पर आना सार्थक हुआ। मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत रहेगा। धन्यवाद।
Sach hai... sab kuchh mila par farz ka adhikaar nahi.
Beautiful आलोकिता… :)
सच है… तकलीफ़देह… persistent unacceptable सच..
lajwab kar diya ....umda
सुन्दर लगा
सुंदर और सार्थक पोस्ट मन हर्षित हो गया पढ़कर
Bilkul sach baat kahi hai jin parents ke ladke nahi hote aur ladkiyo ki marriage narrow minded family me ho jaye toh aisa hee hota hai uske saath us ladki ko yeh kah kar mna kar diya jata hai ki uska mayke ke liye koi farj nahi
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