जात-पात न धर्म देखा, बस देखा इंसान औ कर बैठी प्यार
छुप के आँहे भर न सकी, खुले आम कर लिया स्वीकार
हाय! कितना जघन्य अपराध! माँ-बाप पर हुआ वज्रपात
नाम डुबो दिया, कुलच्छिनी ने भुला दिए सारे संस्कार
कुल कलंकिनी, कुल घातिनी क्या-क्या न उसे कह दिया
फिर भी झुकी न मोहब्बत तो खुद क़त्ल उसका कर दिया
खुद को देश के नियम-कानूनों से भी बड़ा समझने वालों
प्रतिष्ठा की खातिर, बेटियों की निर्मम हत्या करने वालों
इज्ज़त और संस्कार की भाषा सिखा देना फिर कभी
पहले तुम स्वयं को इंसानियत का पाठ तो पढ़ा लो
हाय! ये कैसा संस्कार जो प्यार से तार-तार हो जाता है?
कैसी ये प्रतिष्ठा जिसमें हत्या से चार चाँद लग जाता है?
छुप के आँहे भर न सकी, खुले आम कर लिया स्वीकार
हाय! कितना जघन्य अपराध! माँ-बाप पर हुआ वज्रपात
नाम डुबो दिया, कुलच्छिनी ने भुला दिए सारे संस्कार
कुल कलंकिनी, कुल घातिनी क्या-क्या न उसे कह दिया
फिर भी झुकी न मोहब्बत तो खुद क़त्ल उसका कर दिया
खुद को देश के नियम-कानूनों से भी बड़ा समझने वालों
प्रतिष्ठा की खातिर, बेटियों की निर्मम हत्या करने वालों
इज्ज़त और संस्कार की भाषा सिखा देना फिर कभी
पहले तुम स्वयं को इंसानियत का पाठ तो पढ़ा लो
हाय! ये कैसा संस्कार जो प्यार से तार-तार हो जाता है?
कैसी ये प्रतिष्ठा जिसमें हत्या से चार चाँद लग जाता है?
5 comments:
bahut achchhi post
आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'रविवार' १४ जनवरी २०१८ को लिंक की गई है। आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
निमंत्रण
विशेष : 'सोमवार' २६ फरवरी २०१८ को 'लोकतंत्र' संवाद मंच अपने सोमवारीय साप्ताहिक अंक में आदरणीय माड़भूषि रंगराज अयंगर जी से आपका परिचय करवाने जा रहा है।
अतः 'लोकतंत्र' संवाद मंच आप सभी का स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।
Diwali
Bhai Dooj
Do you have any tips on how to get listed in Yahoo News? I’ve been trying for a while but I never seem to get there!
Appreciate it
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