जब आयी सहालग की बारी
हो गई डोली विदा घर से
और चले गए बाराती
खड़ा रहा पिता
दुआरे पर बहुत देर
मन सा भारी कुछ लिए
देखती रही माँ एकटक
गुलाबी कुलिया चुकिया
जो भरा था अब भी
खाली-खाली से घर में
----सुलोचना वर्मा----
© 2008-13 सर्वाधिकार सुरक्षित!
" नारी जिसने घुटन से अपनी आज़ादी ख़ुद अर्जित की और लिखा अपने मन मे बसी स्वतंत्रता को "
सभी से विनम्र निवेदन हैं
मोबाइल और सेल फ़ोन का उपयोग कम से कम करे ताकी वातावरण मे प्रदुषण कम हो । मोबाइल से निकली विद्युत चुम्बकीय तरंगें मुंह,त्वचा तथा शरीर के अन्य स्थानों पर कैंसर को जन्म दे सकती हैं। जहाँ तक सम्भव हो रात को मोबाइल बंद रखे । अगर घर मे चार मोबाइल हैं तो आप किसी एक को चालू रख का भी काम चला सकते हैं । लैंड लाइन का उपयोग करना फिर आरंभ करे । अगर आप के घर मे गर्भवती महिला हैं तो मोबाइल उनसे बहुत दूर रखे । १३ साल तक कि आयु के बच्चो को मोबाइल का उपयोग करने से रोके । अपने घर के आस पास मोबाइल टावर ना लगने दे । आपकी और आपके परिवार कि सेहत के अलावा पर्यावरण कि जिम्मेदारी भी आप की ही हैं ।
2 comments:
कम शब्दोँ मेँ भी गहरी बात कह दी आपने अपनी रचना के माध्यम से... लिखते रहिये
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