दस्तक ब्लॉग पर एक कविता देखी
कविता का शीर्षक नहीं हैं शायद ऐसी कविताओं का शीर्षक होता ही ना हो , कविता ईशा की हैं
क्या क्या नहीं कह रही हैं . मुझे बहुत कुछ सुनाई दिया आप को भी दिया हो तो कमेन्ट मे बताये . ईशा भी जानना चाहती होगी .
क्या कोई नाम भी दिया जा सकता हैं इस कविता को ???
नारी - नाम है सम्मान का, या
समाज ने कोई ढोंग रचा है.
बेटी - नाम है दुलार का, या
समाज के लिए सजा है.
पत्नी - किसी पुरुष की सगी है, या
यह रिश्ता भी एक ठगी है.
माँ - ममता की परिभाषा है, या
होना इसका भी एक निराशा है.
नारी - नाम है स्वाभिमान का, या
इसका हर रिश्ता है अपमान का.
© 2008-13 सर्वाधिकार सुरक्षित!
कविता का शीर्षक नहीं हैं शायद ऐसी कविताओं का शीर्षक होता ही ना हो , कविता ईशा की हैं
क्या क्या नहीं कह रही हैं . मुझे बहुत कुछ सुनाई दिया आप को भी दिया हो तो कमेन्ट मे बताये . ईशा भी जानना चाहती होगी .
क्या कोई नाम भी दिया जा सकता हैं इस कविता को ???
नारी - नाम है सम्मान का, या
समाज ने कोई ढोंग रचा है.
बेटी - नाम है दुलार का, या
समाज के लिए सजा है.
पत्नी - किसी पुरुष की सगी है, या
यह रिश्ता भी एक ठगी है.
माँ - ममता की परिभाषा है, या
होना इसका भी एक निराशा है.
नारी - नाम है स्वाभिमान का, या
इसका हर रिश्ता है अपमान का.
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