ये दुनिया है लगती अभिमानी और मतलबी सी
लेकिन उसी में रहते मुझे प्यार करने वाले हैं
इसीलिये मेरी ज़ुबां पर पड़ गये ताले हैं
मेरी अकल है घुटनों से ज़्यादा नहीं जिनके लिये
इन्हीं के साथ रहते मुझे पलकों पर बिठाने वाले हैं
इसीलिये मेरी ज़ुबां पर पड़ गये ताले हैं
हर नज़र से जहाँ खतरे का अहसास होता है
इन्हीं के बीच रहते मेरे रखवाले हैं
इसीलिये मेरी ज़ुबां पर पड़ गये ताले हैं
दिलकशी है जिनके लिये सजाने की एक चीज़ महज़
इन्हीं के बीच कहीं जिस्म से पहले रूह देखने वाले हैं
इसीलिये मेरी ज़ुबां पर पड़ गये ताले हैं
दिल पाता है अपमान और ठोकरें ही जहाँ
यहीं रहते मुझे हर हाल में अपनाने वाले हैं
इसीलिये मेरी ज़ुबां पर पड़ गये ताले हैं
मेरी बहनों को सताने वाले हैं
पर मेरी तो ज़ुबाँ पर पड़ गये ताले हैं
इसी दुनिया में रहते हुए, बोलते इसी के खिलाफ़
मेरी ज़ुबां पर पड़ते छाले हैं
इसीलिये मेरी ज़ुबां पर पड़ गये ताले हैं
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