tag:blogger.com,1999:blog-541680947250170714.post347227273863367326..comments2024-02-03T15:45:07.375+05:30Comments on नारी का कविता ब्लॉग: नारी - व्यथारचनाhttp://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-541680947250170714.post-24659913669882564472018-11-30T18:05:42.789+05:302018-11-30T18:05:42.789+05:30मैं कोई कवयित्री तो नहीं हूँ, परन्तु दिल को छू लेन...मैं कोई कवयित्री तो नहीं हूँ, परन्तु दिल को छू लेने वाली कविताएँ पढ़कर उसे महसूस करना चाहती हूँ |मुझे ऐसी कविता की तलाश थी और वो आज पूरी हुई |दिल के तार अंदर से हिल गए और एक नारी की व्यथा को आज सचमुच मैंने महसूस किया |रेखा जी को बहुत बहुत बधाई Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/07343426260852773358noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-541680947250170714.post-42115061975628014202008-11-06T14:42:00.000+05:302008-11-06T14:42:00.000+05:30राष्ट्रप्रेमी जी ऐसा नहीं है, पुरुष का कल भी स्वतं...राष्ट्रप्रेमी जी ऐसा नहीं है, पुरुष का कल भी स्वतंत्र अस्तित्व था और आज भी है, किन्तु नारी सदियों से परिवार को लेकर और सबको समेट कर चल रही है, तब वह खुद कहाँ रह जाती है. जीती है विभिन्न नामों से पर उसका अपना अस्तित्व उन्हीं में दब कर रह जाता है. आज वह कहीं भी पहुँच जाए लेकिन ऑफिस से निकालने से पहले बच्चे के लिए , पति के लिए खाना बना कर रखेगी और चाहे खुद बिना नाश्ते कि ही चली जाय. सच्चाई यही है.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-541680947250170714.post-27197227277560544222008-10-16T18:18:00.000+05:302008-10-16T18:18:00.000+05:30रेखा जी ने अच्छा लिखा है. जब तक हम अपने को सभी से ...रेखा जी ने अच्छा लिखा है. जब तक हम अपने को सभी से जोडकर देखते है. कोई अभाव नहीं होता किन्तु जब अपने को सबसे अलग करके देखते है , तब लगता है कि मैने अपने लिये तो कुछ किया ही नहीं. नर और नारी दोनो के लिये समान स्थिति है.डा.संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमीhttps://www.blogger.com/profile/01543979454501911329noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-541680947250170714.post-48380213860231707812008-10-16T16:09:00.000+05:302008-10-16T16:09:00.000+05:30Rekha ji , bahut parbhavi rachana hai aapki Badhai...Rekha ji , bahut parbhavi rachana hai aapki <BR/>Badhai..<BR/><BR/>http://dev-poetry.blogspot.com/Devhttps://www.blogger.com/profile/07812679922792587696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-541680947250170714.post-75367476003605631022008-10-12T21:03:00.000+05:302008-10-12T21:03:00.000+05:30रेखा श्रीवास्तव जी का स्वागत है ब्लाग समूह में । अ...रेखा श्रीवास्तव जी का स्वागत है ब्लाग समूह में । अच्छा प्रयास किया है आपने ।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16883786301435391374noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-541680947250170714.post-43210197337585681702008-10-12T21:02:00.000+05:302008-10-12T21:02:00.000+05:30अपने मनोभावों को बहुत सुन्दरता से अभिव्यक्त किया ह...अपने मनोभावों को बहुत सुन्दरता से अभिव्यक्त किया है।बढिया!परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-541680947250170714.post-43221531175689854742008-10-12T20:57:00.001+05:302008-10-12T20:57:00.001+05:30कहीं दूर प्रकृति के बिच या एकांत मेंजहाँ मैं और सि...कहीं दूर प्रकृति के बिच या एकांत में<BR/>जहाँ मैं और सिर्फ मैं होती।<BR/>sunder rachana<BR/>regardsmakrandhttps://www.blogger.com/profile/14750141193155613957noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-541680947250170714.post-77249245474307635102008-10-12T20:57:00.000+05:302008-10-12T20:57:00.000+05:30bahut bsdhiya rachana. likhate rahiye.bahut bsdhiya rachana. likhate rahiye.महेंद्र मिश्र....https://www.blogger.com/profile/02639240293870813407noreply@blogger.com